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फिल्म 'बाबूमोशाय बंदूकबाज' फेम अभिनेत्री बिदिता बाग का कहना है कि इंडस्ट्री में नेपोटिज्म है। हाल ही उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि उन्होंने अपने अब तक के कॅरियर में कई बार रिजेक्शन का सामना किया है। उन्होंने कहा, 'इंसान के पास चीजों को लेकर उदास रहने और आगे बढ़ने के विकल्प होते हैं। मैंने आगे बढ़ने का विकल्प चुना।' अपने स्ट्रगल के शुरुआती दौर को याद करते हुए अभिनेत्री ने बताया कि उन्हें भी पक्षपात का सामना करना पड़ा था। बंदिता ने बताया कि उनकी बॉलीवुड डेब्यू फिल्म 'सिडनी विद लव' के लिए सिनेमाहॉल ही नहीं मिले थे।
इंटरव्यू में उन्होंने आरोप लगाया कि इंडस्ट्री में फेक ऑडिशन भी होते हैं, जो सिर्फ दिखावे के लिए होते हैं कि सबको बराबर का मौका मिलता है। हकीकत तो यह है कि पहले से स्थापित कलाकारों या इंसाइडर्स को पहले ही फाइनल कर लिया जाता है। साथ ही उन्होंने कहा कि यहां भी नेपोटिज्म है और बॉलीवुड के लोग इसके पक्षधर हैं। हालांकि, बिदिता को लगता है कि भाई-भतीजावाद पर हो रही चर्चा अब नकारात्मक होती जा रही है। उन्होंने कहा कि यदि कुछ लोगों को विशेषाधिकार प्राप्त हैं तो यह उनकी गलती नहीं है।
बता दें कि बिदिता बाग बंगाली फिल्मों का जाना—पहचाना नाम है। उन्होंने अपने कॅरियर की शुरुआत मॉडलिंग से की थी। बिदिता ने एक इंटरव्यू में बताया था कि मां से 10 हजार रुपए लेकर उन्होंने फोटोशूट कराया था। एक्टिंग के लिए उन्होंने वीडियो एडिटिंग भी सीखी ताकि अपने आप को निखार सकें। बिदिता फिल्म 'बाबूमोशाई बन्दूकबाज' में नवाजुद्दीन सिद्दीकी के साथ नजर आई थीं। बिदिता ने फिल्म के प्रचार के दौरान एक साक्षात्कार में बताया था कि इससे पहले कई फिल्मों में नवाजुद्दीन के साथ काम करने के लिए शॉर्ट लिस्ट हुई थीं, लेकिन बाद में उन्हें रोल नहीं मिला। बिदिता ने बताया कि वह 'मांझी द माउंटेन मैन' में भी वो शॉर्ट लिस्ट हुई थीं। बता दें कि बिदिता ने फिल्म 'द शोले गर्ल्स में एक स्टंट महिला कलाकार का किरदार निभाया। इसके एक एक सीन में पिता उन्हें डंडे से मारते हैं। इस सीन को कई एंगल से शूट किया गया। इस वजह बिदिता को करीब सौ डंडे पड़े, जिसके बाद उनका शरीर नीला पड़ गया था।
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