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पिछले कुछ समय से बॉलीवुड में नेपोटिज्म और आउटसाइडर—इंसाइडर के मुद्दे को लेकर बहस छिड़ी हुई है। इंडस्ट्री की कई बड़ी हस्तियां अपने विचार और अनुभव सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं। हाल ही नवोदित अभिनेत्री शिवालिका ओबेरॉय ने भी एक इंटरव्यू में स्वीकारा कि बॉलीवुड में जगह बनाना आउटसाइडर्स के लिए आसान नहीं है। शिवालिका ने कहा कि अपने इस सफर में बने रहने के लिए खुद में आत्मविश्वास का होना बहुत जरूरी है।
सही समय पर सही जगह होना जरूरी
शिवालिका ने कहा, 'इंडस्ट्री में जगह बनाना आसान नहीं है, लेकिन आपको खुद पर विश्वास है और अगर आपमें प्रतिभा है तो अपने मुकाम तक पहुंच जाएंगे। मेरा मानना है कि आपको सही समय पर सही जगह पर होना चाहिए। किस्मत का भी इसमें बहुत बड़ा हाथ होता है।'
फिल्मी बैकग्राउंड नहीं
शिवालिका ने कहा, 'मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं एक एक्टर बनूंगी। मेरी मां एक अलग लाइन से हैं और पिता कुछ और करते हैं। मैं इकलौती एक्टिंग की दुनिया में हूं। मेरे दादा (महावीर ओबेरॉय) ने एक बार एक फिल्म बनाई थी, लेकिन जब मेरे पिता बहुत छोटे थे तभी मेरे दादा का निधन हो गया था। तब से इंडस्ट्री से हमारा कोई लेना-देना नहीं रहा।'
असिस्टेंट डायरेक्टर का काम किया
शिवालिका एक्टिंग में आने से पहले फिल्म 'किक' और 'हाउसफुल 3' में असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर काम कर चुकी हैं। उन्होंने बताया,'असिस्टेंट डायरेक्टर बनने के लिए फिल्म सेट पर बने रहने के दौरान ही मुझे मेरा रास्ता मिला। असिस्टेंट डायरेक्शन बनकर मैंने काफी कुछ सीखा। एक एक्टर बनने में इन अनुभवों ने वाकई में मेरी मदद की है।'
स्टारकिड्स पहले से ही स्टार होते हैं
'पद्मावत' और 'वार' जैसी फिल्मों में नजर आ चुकीं अभिनेत्री अनप्रिया गोयनका ने भाई—भतीजवाद के मुद्दे पर एक इंटरव्यू में कहा,'नेपोटिज्म हर जगह है और इंडस्ट्री में भी है। हालांकि यह सबसे सही वक्त है एक एक्टर के लिए इंडस्ट्री में आने का। अब टैलेंट के लिए अवसर पहले से ज्यादा हैं। हां, आउटसाइडर को अपने आप को साबित करना पड़ता है जबकि स्टारकिड्स एक्टिंग में आने से पहले से ही स्टार होते हैं।'

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