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अभिनेता संजय दत्त (Sanjay Dutt) इलाज के लिए मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में भर्ती हो गए हैं। पहले खबर आ रही थी कि वह विदेश जाकर अपना इलाज कराएंगे। बता दें कि हाल ही उनके लंग कैंसर के बारे में जानकारी सामने आई थी। अभिनेता को थर्ड स्टेज का लंग कैसर है। कोकिलाबेन अस्पताल जाने के लिए अभिनेता संजय दत्त मंगलवार शाम 6 बजे घर से निकले थे। घर से निकलते हुए उनकी कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। मान्यता दत्त भी उनके साथ थीं। संजय की दोनों बहनें नम्रता और प्रिया भी इस दौरान साथ नजर आईं। इसके बाद मान्यता ने एक बयान जारी किया।
'मेरे लिए प्रार्थना करना'
जब संजय दत्त घर से अस्पताल जाने के लिए निकले तो फोटोग्राफर्स की भीड़ उनके घर के बाहर जमा हो गए। वे तस्वीरें लेने लगे तो अभिनेता ने अपने चित—परिचित अंदाज में हाथ हिलाकर उनका अभिवादन किया। अस्पताल जाने से पहले संजय दत्त ने फोटोग्राफर्स को कहा, 'मेरे लिए प्रार्थना करना।' इस पर फोटोग्राफर्स ने भी उन्हें 'गेट वेल सून बाबा' कहा। र
फैंस का जताया आभार
अभिनेता की पत्नी मान्यता दत्त ने फैंस का शुक्रिया अदा करते हुए कहा,'संजू को इतने सालों से मिले प्यार और स्नेह के लिए मैं उनके सभी प्रशंसकों और शुभचिंतकों का तहे दिल से धन्यवाद करती हूं। संजू ने अपनी जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन हर कठिन दौर से गुजरने के दौरान आपके प्यार और सहयोग ने उन्हें बेहद हिम्मत दी है और इसके लिए हम हमेशा आभारी रहेंगे। अब हमें एक और चुनौती के लिए चुना गया है और मुझे पता है, यही प्यार और स्नेह उन्हें इस मुश्किल वक्त से निकालने में भी मदद करेगा।'
'कठिन लड़ाई लंबा सफर'
मान्यता दत्त ने कहा,'एक परिवार के रूप में, हमने सकारात्मकता के साथ इसका सामना करने का फैसला किया है। हम मुस्कान के साथ अपने जीवन को संभव तरीके से सामान्य बनाने जा रहे हैं। यह एक कठिन लड़ाई होने के साथ-साथ एक लंबा सफर भी है। ऐसे में हमें बिना किसी नकारात्मकता के संजू के लिए ऐसा करने की जरूरत है। इस मुश्किल समय में दुर्भाग्यवश मैं होम क्वॉरंटीन होन के कारण अस्पताल में उनके साथ खड़े रहने में असमर्थ हूं। हालांकि क्वॉरंटीन जल्द ही खत्म होने वाला है।
'मैं किले को संभालूंगी'
उन्होंने आगे कहा, 'हर लड़ाई में एक मशाल को लेकर चलने वाला होता है और एक किले को मजबूत रखने वाला शख्स होता है। प्रिया दत्त हमें मशाल लेकर रास्ता दिखाने वाली हैं। उन्होंने हमारे परिवार द्वारा संचालित कैंसर फाउंडेशन के साथ दो दशकों में बड़े पैमाने पर काम किया है। उन्होंने अपनी मां को भी इस बीमारी से भी जूझते हुए देखा है। जबकि मैं किले को संभालूंगी।'
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