रक्षाबंधन पर Sushant Singh को याद कर नम हुई बहनों की आंखे, बोलीं-'आज राखी पहनाने के लिए तुम्हारी कलाई नहीं है'

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नई दिल्ली। आज पूरे देशभर में रक्षाबंधन ( Celebrating Raksha Bandhan in india ) का पवित्र त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस पर्व पर दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ( Sushant Singh Rajput's Sister ) की बहन श्वेता सिंह कीर्ती ( Shweta Singh Kriti ) ने भाई को याद कर एक तस्वीर सोशल मीडिय पर साझा की है। इस साल वह अपने भाई की कलाई पर राखी बांधने के गम में डूबी हुई हैं। सुशांत की बहनों और परिवार के लिए इस दुख की घड़ी को शब्दों में बयां करना बेहद ही मुश्किल है। इस पोस्ट से साफ बहनों के दर्द को समझा जा सकता है। सुशांत के जाने के बाद से उनकी बहन श्वेता ( Sushant's sister Shweta shared photos on social media ) सोशल मीडिया पर उनकी कई फोटोज शेयर करती रहती हैं।

बहन श्वेता सिंह कीर्ति ने अपने इंस्टाग्राम ( Shweta Singh Kriti Instagram ) पर तस्वीर पोस्ट की है। यह तस्वीर उनके बचपन की है। जिसमें सुशांत बहनों के बीच ( Sushant singh with his sister ) घिरे हुए नज़र आ रहे हैं। यह फोटो राखी के दौरान की है। फोटो को शेयर करते हुए श्वेता लिखती हैं कि "हैप्पी रक्षाबंधन मेरे स्वीट से बेबी को। बहुत प्यार करते हैं हम आपको जान..औ यूं ही हमेशा करते रहेंगे। तुम थे, तुम हो और हमेशा तुम हमारे गौरव ब रहोगे।" श्वेता का यह पोस्ट सोशल मीडिया ( Shweta Rakhi post viral ) पर काफी वायरल हो रहा है। साथ उनके इस पोस्ट को सुशांत के ( Sushant fans get emotional ) चाहने वालों की आंखे एक बार से नम हो गई हैं।

सुशांत की बड़ी बहन रानी ने भी ( Sushant Elder sister Rani ) राखी के मौके पर भाई के लिए पोस्ट शेयर किया है। जिसे पढ़ सुशांत के जाने दुख साफ झलक रहा है। रानी लिखती हैं कि "आज राखी ( Today is Rakhi ) है। आज 35 साल बाद पहली बार ऐसा है कि पूजा की थाली सजी हुई है। आरती के लिए दिया भी जला रहा है। बस कमी तुम्हारे चेहरे की है। जिसकी मैं आरती नहीं उतार पा रही हूं। वो माथा ही नहीं है जिस पर टिका लगा कर सजा सको। वह कलाई ही नहीं है जिस पर मैं अपनी राखी को बांध कर सजा सकूं। वो मुंह ही नहीं है जिसे मिठाई खिलाकर मीठा कर सकूं। वो भाई ही नहीं है जिसे गले लगा सकूं। सालों पहले जब तुम आए थे। तब तुम्हारे आने से उजाला ही उजाला हो गया था। अब जब तुम नहीं हो मुझे समझ ही नहीं आता कि मैं क्या करूं? तुम्हारे बग़ैर मुझे जीना नहीं आता। कभी सोचा नहीं कि ऐसा भी होगा। ये दिन होगा पर तुम नहीं होगे। ढेर सारी चीजें हमने साथ-साथ सीखी। तुम्हारे बिना रहना मैं अकेले कैसे सीखूँ? तुम्हीं कहो।"



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