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नई दिल्ली। बॉलीवुड में अपनी बेहतरीन एक्टिंग से मशहूर हुए अभिनेता मनोज बाजपेयी का आज जन्मदिन है। जी हां, आज ही के दिन यानी कि 23 अप्रैल 1969 को बिहार के नरकटियागंज में जन्मे थे। मनोज बाजपेयी ने हिंदी सिनेमा जगत में अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाया है। वह जिस भी किरदार को निभाते हैं। उसमें अपनी एक्टिंग से जान फूंक देते हैं। फिर चाहे वह फिल्म 'सत्या' का गैंगस्टर 'भीखू म्हात्रे' हो या फिर 'फैमिली मैन' का खूफिया जासूस। अभिनेता ने अपनी शानदार एक्टिंग से कई पुरस्कार भी अपने नाम किए हैं, लेकिन आज हम आपको अभिनेता के इस स्पेशल डे पर कुछ ऐसे अनसुने किस्से सुनाने जा रहे हैं। जिसे सुन आप भी हैरान रह जाएंगे।

किसान परिवार से रखते हैं संबंध
मनोज बाजपेयी बिहार के रहने वाले हैं और वह एक किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। ऐसे में कभी भी अभिनेता ने गांव में रहते हुए अपना जन्मदिन नहीं मनाया है। उनके जन्मदिन के मौके पर उनके लिए स्पेशल लड्डू बनते थे।

फिल्म 'द्रोहकाल' से किया डेब्यू
मनोज बाजपेयी ने अपना बॉलीवुड डेब्यू साल 1994 में आई फिल्म द्रोहकाल से किया था। इस फिल्म में काफी छोटे समय के लिए बड़े पर्दे पर उन्हें देखा गया था, लेकिन इस फिल्म में मिले छोटे से रोल के पीछे उनकी जिंदगी का एक लंबा स्ट्रगल जुड़ा हुआ है। स्ट्रगल करते हुए एक वक्त ऐसा आया था। जब मनोज बाजपेयी के दिल में आत्महत्या का ख्याल तक आने लगा था।
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करना चाहते थे सुसाइड
दरअसल, हुआ कुछ यूं कि मनोज बाजपेयी हमेशा से चाहते थे कि वह एक हीरो बने। जिसकी वजह से महज 17 साल की उम्र में वह अपना बेतिया गांव छोड़कर दिल्ली चले आए थे। जब वह दिल्ली आए तो उन्होंने एक्टिंग के लिए मशहूर नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा का नाम सुना। वह भी चाहते थे कि वह इस स्कूल से पढ़े और एक्टिंग सीखें। जिसके लिए उन्होंने एक बार नहीं बल्कि तीन बार फॉर्म भरा। लेकिन वह हर बार किसी ना किसी कारण से रिजेक्ट हो जाया करते।
बार-बार सपना टूटने का एहसास होते हुए मनोज बाजपेयी कहीं ना कहीं अंदर से टूट गए थे। यही वजह थी कि वह इतना डिप्रेशन में चले गए थे कि उन्होंने सुसाइड करने का मन बना लिया था। मनोज के इस मुश्किल वक्त में उनके दोस्तों ने उन्हें संभाला और उनका खूब ख्याल रखा।

मनोज बाजपेयी ने यूं कि नई शुरूआत
नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में रिजेक्ट होने के बाद मनोज बाजपेयी को फिर एक्टर रघुवीर यादव ने उन्हें सलाह दी कि वह बैरी जॉन की वर्कशॉप का हिस्सा बन जाएं। मनोज बैरी जॉन के पास गए और उनके साथ काम करने लगे। अब बैरी जॉन को एक्टर का काम इतना पसंद आ गया कि उन्होंने उन्हें अपना असिस्टेंट ही बना लिया। जिसके बाद मनोज बाजपेयी ने अपने में खुद हिम्मत महसूस की और फिर कुछ सालों बाद नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में फॉर्म भर दिया उन्हें फिर आखिरकार उन्हें यहां एक्टिंग सिखाने का ऑफर मिल ही गया।
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