Gulshan Kumar B'dy: फोन पर गुलशन कुमार की चीखें सुनता रहा था अबू सलेम

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मुंबई। टीसीरीज म्यूजिक कंपनी के फाउंडर गुलशन कुमार की आज बर्थ एनिवर्सरी है। 5 मई, 1956 को उनका जन्म हुआ था। दिल्ली में एक छोटी सी कैसेट्स की दुकान से कारोबार शुरू करने वाले गुलशन ने महज 10 साल में एक बड़ी कंपनी बना ली और दुकानदार से करोड़ों की कंपनी के मालिक बन गए। हालांकि उनकी यह कामयाबी ही उनकी जान की दुश्मन बन गई।

'बहुत कर ली पूजा, अब ऊपर जाकर करना'
रोज की तरह 12 अगस्त, 1997 को गुलशन कुमार जीतेश्वर महादेव मंदिर में पूजा करने गए थे। कहते हैं उस दिन उनका बॉडी गार्ड तबीयत खराब होने के कारण छुट्टी पर था और उनका नौकर उनके साथ था। दोनों मारूति कार में मंदिर गए थे। गुलशन कुमार ने मंदिर में पूजा की और बाहर आए। मीडिया रिपोर्ट्स मेंं कहा गया कि जब गुलशन कुमार ने देखा कि दो लोग उनक पर बंदूक ताने खड़े हैं तो उन्होंने पूछा यह क्या कर रहे हो। इस पर शूटर ने कहा,'बहुत कर ली पूजा अब ऊपर जाकर करना।' यह कहते ही शूटर ने गुलशन के सिर में एक गोली दाग दी। गोली लगते ही गुलशन बचाव के लिए छिपने को दौड़े। इसी बीच दूसरे हत्यारे ने कई गोलियां दाग कर गुलशन को वहीं ढेर कर दिया। बताया जाता है कि गुलशन की हत्या के बाद शूटर राजा ने अपना फोन 10—15 मिनट तक आन करके रखा था ताकि अबु सलेम मरते हुए गुलशन की चीखें सुन सके। साल 2001 में राजा पुलिस की गिरफ्त में आ गया था।

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ये थी वजह
गुलशन कुमार पर शार्प शूटर विनोद जगताप और दाऊद मर्चेंट ने गोलियां चलाईं थीं। दोनों को उम्र कैद की सजा भी हुई। हालांकि असल मास्टर माइंड अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम और अबू सलेम को माना जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स में ये दावा किया गया था कि दाऊद ने गुलशन से 10 करोड़ रुपए की फिरौती मांगी थी। गुलशन ने ये देने से साफ इंकार कर दिया था। जवाब में यह भी कहा था कि इतने पैसों में तो मां वैष्णो देवी का भंडारा करवाउंगा। इसके बाद दाऊद ने अपने गुर्गों को भेज उनकी हत्या करवा दी।

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नदीम का नाम भी आया सामने
इस मामले में संगीतकार जोड़ी नदीम-श्रवण में से नदीम शैफी का नाम भी सामने आया। नदीम का नाम आते ही वह यूनाईटेड किंगडम भाग गया। कहा जाता है कि नदीम इसलिए गुलशन कुमार से नाराज था कि उसके एक एल्बम का प्रचार-प्रसार सही से नहीं करवाया गया और वह एल्बम फ्लॉप हो गया। इस वजह से वह गुलशन को दुश्मन मानने लगा। हालांकि एक कोर्ट ने नदीम का नाम इस केस से हटा दिया था। लेकिेन गिरफ्तारी वारंट वापस नहीं लिया गया। इसलिए अब तक नदीम विदेश में ही है।



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