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नई दिल्ली। अनुपमा शो में जबरदस्त ट्विस्ट आया है। बाबू जी ने अनुपमा के नाम घर का एक हिस्सा कर काव्या की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। शो में बाबू जी समाज की सभी महिलाओं को उनके हक से रूबरू करवाते हैं। साथ ही कैसे एक महिला के लिए घर होना जरूरी होता है। ये सीख भी समझाते हैं। आज के एपिसोड में जमकर ड्रामा देखने को मिलेगा। जानिए क्या होगा अनुपमा के लेटेस्ट एपिसोड में।
अनुपमा को बाबू जी ने दिया बड़ा तोहफा
रिजॉर्ट से घर आने के बाद सभी अनुपमा के जानें से काफी दुखी होते हैं। लेकिन जैसे ही पूरा परिवार घर पहुंचता है। बाबू जी सभी को एक जोरदार झटका देते हैं। बाबू जी अनुपमा के नाम घर का एक हिस्सा कर देते हैं। ये बात सुनकर काव्या और वनराज हैरान हो जाते हैं। साथ ही अनुपमा भी इस बात से हैरान हो जाती हैं। बाबू जी सभी को समझाते हैं कि अनुपमा उनकी बेटी है और इस हक से उन्हें ये घर मिलता है।
घर छोड़कर नहीं जाएंगी अनुपमा
घर में अनुपमा को एक हिस्सा देने के बाद बाबू जी उनसे कहते हैं कि वो अब कहीं नहीं जाएंगी और इसी घर में उनके साथ रहेंगी। जिसे सुनकर काव्या भड़क जाती हैं और वनराज भी हैरान हो जाते हैं। अनुपमा बाबू जी से कहती हैं कि वो ऐसा नहीं कर सकती हैं। तब बाबू जी समाज में महिलाओं संग हो रही नाइंसाफी के बारें में सबको बतातें हैं।बाबू जी कहते हैं समाज की हर महिला के पास उसका खुदा का अपना एक घर होना चाहिए। ताकि कभी भी उसका पति, बच्चे उसे घर से निकलने के लिए ना कहे। बाबू जी अनुपमा के सामने हाथ जोड़कर विनती करते हैं कि वो उसी घर में रोकें।
बॉ को हुई समाज की चिंता
अनुपमा के नाम घर करने में बॉ सहमति जताती हैं। लेकिन काव्या के साथ उसी घर में अनुपमा के रहने की बात सुनकर उन्हें भी काफी अजीब लगता है। बॉ बाबू जी से कहती हैं कि समाज क्या कहेगा। तब बाबू जी कहते हैं कि जब उनके 50 साल के बेटे ने अफेयर किया, शादी की तो इससे ज्यादा अजीब और क्या होना था। बाबू जी अनुपमा से कहते हैं कि अगर उन्होंने उनकी बात नहीं सुनी तो वो खाना-पीना छोड़ देंगे। जिसे सुनकर पूरा परिवार हैरान और परेशान हो जाता है। बाबू जी की जिद्द को देखते हुए अनुपमा हां कह देती है।
काव्या का फूटा गुस्सा
घर में रहने की बात पर सहमती जातते हुए काव्या अनुपमा से गुस्से में कहती हैं कि बाबू जी तो इमोशनल होकर ये कह रहे हैं, लेकिन तुम्हें तो माना करना चाहिए। अनुपमा कहती हैं कि वो अब उनकी बेटी हैं और उनकी बात को नहीं टाल सकती हैं। वनराज अनुपमा पर तंज कसते हुए कहते हैं कि तुम्हारी नज़र तो पहले से ही घर पर थी। अनुपमा जवाब में कहती हैं कि आपकी नज़र तो घर के बाहर थी इसलिए किसी को तो घर पर नज़र रखनी थी।
काव्या ने बाबू जी पर उठाए सवाल
ये सब देख कर काव्या अपना आपा खो बैठती हैं और बाबू जी कहती हैं कि उनके साथ सही नहीं हो रहा है। बाबू जी उनसे कहते हैं कि उन्होंने उनसे उनका कोई हक नहीं छीना है। तुम शान से घर में बहू रूप में रह सकती हो। बाबू जी वनराज और काव्या से पूछते हैं कि क्या तुम लोग घर रहोगे? वनराज माना ही कर रहे होते हैं कि काव्या कहती हैं कि हम रहेंगे।
बॉ ने यूं किया स्वागत
अनुपमा को घर की ओर जाते देख काव्या झट से वनराज का हाथ पकड़ती हैं और घर की ओर चल देती हैं। ये देख अनुपमा बाहर ही रोक जाती हैं। बॉ आरती की थाली लाती हैं। जिसे देख काव्या काफी खुश हो जाती है। काव्या कहती हैं कि थैंक गॉड कोई तो है जिसे याद है कि नई बहू वो हैं। जैसे ही काव्या आगे बढ़ती हैं। बॉ उन्हें रोक लेती हैं। बाबू जी आगे बढ़ते हैं और अनुमपा के पास जाते हैं। बॉ कहती हैं कि पहले आरती उनकी अनुपमा की होंगी। जिसे सुनकर काव्या भड़क जाती हैं। काव्या कहती हैं कि लेकिन वो इस घर की बहू हैं अब। जिसे सुनकर बाबू जी कहते हैं कि अनुपमा ही इस घर की लक्ष्मी, सरस्वती और अन्नापूर्णा हैं।
( Pre- बाबू जी अनुपमा के नाम घर का एक हिस्सा कर दिया है। साथ ही उन्होंने अनुपमा से उसी घर में रहने की विनती भी की। बाबू जी की जिद्द के आगे अनुपमा झुक जाती हैं। घर में प्रवेश के समय नई बहू काव्या की जगह बॉ अनुपमा का स्वागत करती हैं। )
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