दिलीप कुमार का ऑटोग्राफ लेने के लिए लाइन में खड़े रहे अमिताभ बच्चन, बिना देखे ही चले गए थे 'साहेब'

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नई दिल्ली। महान अभिनेता दिलीप कुमार साहब का 98 साल की उम्र में निधन हो गया। दिलीप साहब के निधन ने पूरी दुनिया को गहरा सदमा दिया है। 7 जुलाई को हिंदी सिनेमा जगत की कई हस्तियां दिलीप साहब के अंतिम दर्शन करने के लिए पहुंची थीं। अभिनेता अमिताभ बच्चन अपने बेटे अभिषेक बच्चन संग दिलीप साहब के अंतिम दर्शन करने के लिए पहुंचे थे। अमिताभ बच्चन ने उन पलों का जिक्र अपने एक ब्लॉग में किया है। साथ ही दिलीप साहब से जुड़ा अमिताभ बच्चन ने किस्सा भी बताया है।

अमिताभ बच्चन ने शेयर की पुरानी यादें

अमिताभ बच्चन ने अपने ब्लॉग में उस समय के बारें में बताया है जब सिनेमाघरों में जानें की इजाजत नहीं हुआ करती थी। लेकिन बड़े पर्दे पर दिलीप कुमार के अभिनय की जोरदार किस्सा से बिग भी अछूते नही थे। अमिताभ बच्चन ने बताया कि उन्होंने पहली बार बड़े पर्दे पर ही दिलीप कुमार को देखा था। फिर एक वक्त आया जब उनका सपना सच हुआ और उन्हें दिलीप कुमार संग काम करने का मौका मिला।

अमिताभ बच्चन बताते हैं कि पहली बार दिलीप साहब को सामने देखकर वो काफी हैरान हो गए थे। आपको बता दें फिल्म 'शक्ति' में अमिताभ बच्चन ने दिलीप कुमार संग काम किया था। इस फिल्म में वो अमिताभ उनके बेटे के किरदार में दिखाई दिए थे।

 

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कुछ यूं थी दिलीप साहब की शख्सियत

अमिताभ बच्चन आगे लिखते हैं कि 'उस समय जो नाम तेजी से गूंज रहा था। एकदम से उसने आकार ले लिया, ठीक मेरे सामने एक स्क्रीन पर...बड़ा और ब्लैक एंड व्हाइट में, वह नाम, वह दृश्य अक्सर जेहन में आता है... दिलीप कुमार। उनकी उपस्थिति में ही कुछ था। जब वह दिखाई दिए तो बाकी सभी धुंधले हो गए... जब वह बोले तो आपको सही लगा, पक्का भरोसा… और आप इन सबके साथ घर आ गए… और यह आपके साथ रहा।'

दिलीप कुमार संग अमिताभ बच्चन की पहली मुलाकात

ब्लॉग में अमिताभ बच्चन ने दिलीप कुमार से पहली मुलाकात का जिक्र भी किया। अमिताभ बच्चन ने अपने ब्लॉग में बताया कि उन्होंने पहली बार दिलीप साहब को रेस्टोरेंट में देखा था। अमिताभ बच्चन बताते हैं कि लंबे सोच-विचार के बाद उन्होंने कांपते हुए फैसला लिया कि वो दिलीप साहब का ऑटोग्राफ लेंगे। लेकिन उस वक्त अमिताभ बच्चन के पास ऑटोग्राफ लेने के लिए कुछ नहीं था।

वो तुरंत गलियों में भागे और एक किताब खरीदकर रेस्टोरेंट पहुंचे। अच्छी बात थी कि दिलीप साहब तब तक वहां थे। अमिताब बच्चन उनके पास पहुंचे लेकिन वो लोगों से बातचीत करने में व्यस्त थे। हाथों में किताब लिए वो दिलीप साहब के पास गए और उनसे कहा.. लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिए।

 

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नहीं मिला अमिताभ बच्चन को ऑटोग्राफर

अमिताभ बच्चन आगे बताते हैं कि दिलीप साहब ने ना तो उन्हें देखा और ना ही उनकी किताब को। थोड़ी देर बाद वो दरवाजे के बाहर चले गए। बिग बी कहते हैं कि ऑटोग्राफ बुक उनके हाथ में...जो कि खाली है। ऑटोग्राफ बुक बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं थी... उनकी उपस्थिति ही काफी थी।'

दिलीप कुमार की अंतिम विदाई

अमिताभ बच्चन ने दिलीप कुमार की अंतिम विदाई के उन पलों का भी जिक्र किया है। अभिनेता ने लिखा 'मैं धरती पर मिट्टी के ढेर के सामने खड़ा हूं। अभी-अभी खोदी गई… मिट्टी के ढेर के ऊपर बिखरी हुई कुछ मालाएं और फूल... और उनके आस-पास कोई नहीं... वह नीचे सो रहे... शांतिपूर्ण और बिल्कुल शांत .. उनकी उपस्थिति ही बड़ी थी, टैलेंट से भरे हुए... भव्य रचनात्मक दूरदर्शी... सर्वश्रेष्ठ की यह सर्वश्रेष्ठता... अंतिम... अब कब्र के एक छोटे से मिट्टी के ढेर में सिमट गई.. वह चले गए। इतिहास हमेशा रहेगा… दिलीप कुमार से पहले, दिलीप कुमार के बाद।'



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