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नई दिल्ली। बॉलीवुड में हर स्टार्स की लाइफ में कभी खुशी तो कभी गम जैसे पड़ाव आते जाते रहे है। और ऐसे ही उतार-चढ़ाव की जिदंगी 70 के दशक की एक्ट्रेस लीना चंद्रवरकर (Leena Chandavarkar) के साथ रही थी। इस एक्ट्रेस की जिंदगी में गमो का पहाड़ उस समय टूटा था जब वो मात्र 25 साल की थी। जब उनके पति का देहांत हो गया था। 29 अगस्त, 1950 को धारावाड़, कर्नाटक में जन्मी लीना की जिंदगी में संघर्षों की शुरूआत काफी कम उम्र से ही शुरू हो गई थी। लीना ने साल 1968 में आई फिल्म मन का मीत से फ़िल्मी दुनिया में कदम रखा।
लीना की पहली शादी सिद्धार्थ बंदोड़कर से हुई थी जो गोवा की राजनीति फैमिली से ताल्लुक रखते थे। शादी के एक साल के बाद ही उनकी एक हादसे में मौत हो गई और लीना 25 साल की उम्र में विधवा हो गईं।
इसके बाद लीना की जिंदगी में मशहूर गायक एक्टर किशोर कुमार की एंट्री हुई। लेकिन लीना के पिताजी किशोर कुमार को बिल्कुल भी पसंद नही करते थे। वे दोनों की शादी के खिलाफ थे। लेकिन लीना किशोर कुमार दूर नही रहना चाहती थी। एक दिन किशोर कुमार ने लीना चंदावरकर के पिता को मनाने के लिए उनके घर के सामने बैठकर धरना दे दिया।
लीना के पिता ने किया ऐसा व्यवहार
लीना के पिता श्रीनाथ चंदावरकर ने किशोर कुमार के साथ काफी गंदा व्यवहार किया। लेकिन किशोर दा ने उन्हें मनाने के लिए गाना गाना शुरू किया, और सारी रात उनके घर के सामने बैठकर गाते रहे। और आखिरी में सुबह होने से पहले उन्होंने गाना गाया- 'नफरत करने वालों के सीने में प्यार भर दूं…' इस गाने को सुनने के बाद श्रीनाथ चंदावरकर ने उठकर किशोर कुमार को गले लगाया और कहा, ‘मुझे यकीन है कि मेरी बेटी तुम्हारे साथ खुश रहेगी।
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