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नई दिल्ली: एक्टर सैफ अली खान (Saif Ali Khan) के पिता मंसूर अली खां पटौदी (Mansoor Ali Khan Pataudi) और शर्मिला टैगोर (Sharmila Tagore) की लव स्टोरी काफी दिलचस्प थी। जहां शर्मिला अपने समय की टॉप एक्ट्रेस थीं। वहीं, बिकिनी पहनने और धर्म के बाहर जाकर शादी करने को लेकर भी सुर्खियों में रही थीं। लेकिन ये बिकिनी के पोस्टर उनके लिए मुसीबत बन गए थे। जिसके कारण उन्हें पूरे मुंबई से अपने ये पोस्टर हटवाने पड़े थे। आइये ये जानते हैं आगे की बात।
शर्मिला टैगोर ने 1967 में आई फिल्म 'एन इवनिंग इन पेरिस' में बिकिनी पहनी थी और वो ऐसा करने वाली पहली इंडियन एक्ट्रेस थी। इसके बाद से बॉलीवुड में बिकिनी पहनने का चलन शुरू हो गया। इतना ही नहीं शर्मिला ने फिल्मफेयर मैगजीन के लिए अगस्त 1966 में टू पीस बिकिनी पहनी थी। भारत में ये पहला मौका था जब किसी एक्ट्रेस ने बिकिनी में फोटोशूट कराया था।
इसी दौरान शर्मिला और मंसूर अली खान पटौदी रिलेशनशिप में भी थे। जिसके कारण मंसूर की मां शर्मिला से मिलने मुंबई आने वाली थीं। लेकिन मुंबई में शर्मिला स्विमसूट के पोस्टर हर जगह लगे हुए थे। जब उन्हें ये पता चला कि मंसूर की मां उनसे मिलने आ रही हैं तब वो डर गईं और उन्होंने फिल्म के प्रोड्यूसर से फोन पर बात की। जिसमें उन्होंने मुंबई के हर कोने से फिल्म के पोस्टर्स हटवाने के लिए कहा। इस तरह पूरे शहर से शर्मिला के पोस्टर हटवा दिए गए।
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शर्मिला टैगोर और मंसूर अली खान पटौदी की पहली मुलाकात 1965 में दिल्ली में हुई थी। मंसूर अली खान पटौदी ने शर्मिला टैगोर की कोई भी फिल्म नहीं देखी थी। फिर भी, वह पहली ही मुलाकात में शर्मिला टैगोर को दिल दे बैठे थे। जिसके बाद दोनों ने 1969 में शादी कर ली थी।

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