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नई दिल्ली: भारतरत्न लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) जी 92 साल की हो चुकी हैं। 36 से ज्यादा भाषाओं में करीब 30 हजार से ज्यादा गाने गा चुकी है। लता के पास सबकुछ हैं, सिवाय एक हम सफर के। क्या आपने कभी सोचा है, आखिर लता क्यों अपनी जिंदगी में अकेली रहीं, क्यों उन्होंने अपने लिए कोई हमसफर नहीं चुना। आइये जानते हैं इसके पीछे की वजह।

13 साल की उम्र हुई ये घटना
दरअसल इस बात का खुलासा खुद लता जी ने एक इंटरव्यू में किया था। लता जी के मुताबिक, जब वे 13 साल की थी तब उनके पिता का निधन हो गया था और ऐसे में उन पर घर-परिवार एवं अपने भाई-बहनों की जिम्मेदारी आ गई थी।ऐसे में कई बार शादी का ख्याल आया पर मैं उस पर अमल नहीं कर सकी। कम उम्र से ही मैंने काम शुरू कर दिया था। जिसके बाद काम और परिवार में इतनी व्यस्थ हो गई।
बता दें कि लता जी ने 11 साल की उम्र में गाना शुरू कर दिया था। जब वो 13 साल की थी तो उन्होंने मराठी फिल्म ‘पहली मंगलागौर’ के लिए गाया। लता ने साल 1947 में हिंदी सिनेमा के लिए गाना शुरू किया था। इस दौरान उनकी उम्र 18 साल थीं। सबस पहले लता ने फिल्म ‘आपकी सेवा’ के लिए गाना गाया था।
फिर मिला भारतरत्न
लता मंगेशकर को संगीत की दुनिया में उनके अमूल्य और कभी न भूलने वाले योगदान के लिए (भारत रत्न साल 2001, पद्म भूषण साल 1969 और पद्म विभूषण साल 1999) से सम्मानित किया गया है। वहीं, वे तीन राष्ट्रीय और चार फिल्मफेयर पुरस्कारों से भी सम्मानित की जा चुकी हैं। इसके अलावा उन्हें दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है।
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बता दें कि लता जी अब 10 सालों से गाना नहीं गा रही हैं। उन्होंने साल 2011 में ‘सतरंगी पैराशूट’ गाने को अपनी आवाज दी थी।
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