बेटी के जन्म के वक्त आर्थिक तंगी से जूझ रही थी ये एक्ट्रेस, बैंक में थे मात्र 3000 रूपए

advertise here
Read Full Article from Here

लेटेस्ट खबरें हिंदी में, अजब - गजब, टेक्नोलॉजी, जरा हटके, वायरल खबर, गैजेट न्यूज़ आदि सब हिंदी में

बॉलीवुड की वेटरन ऐक्ट्रेस नीना गुप्ता ने अपने फिल्मी करियर में ऐक्टिंग के दम पर खूब नाम कमाया है और आज अच्छी लाइफ जी रही हैं। लेकिन एक समय ऐसा भी था जब उन्हें अपनी बेटी को जन्म देने के दौरान पैसों के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी थी।

इस बात का जिक्र एक्ट्रेस ने अपनी ऑटोबायोग्राफी 'सच कहूं तो' चर्चा में किया है। उन्होनें इस किताब में अपनी जिंदगी की कई अनसुनी बातों का जिक्र किया है। कुछ दिनों पहले उनकी बेटी मसाबा ने ऑटोबायोग्राफी के कुछ अंश अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किए हैं। जिसमें बताया गया है कि नीना गुप्ता अपनी प्रग्नेंसी के दौरान आर्थिक तंगी का सामना कर रही थी।

यह भी पढ़ें "तुम्हें कभी कोई बॉयफ्रेंड नहीं मिलेगा" इस डायरेक्टर ने बिपाशा बसु से कही थी ये बात, जानें पूरा मामला

मसाबा ने 'सच कहूं तो' के अंश की तस्वीर शेयर की थी। जिसमें बताया गया है कि नीना गुप्ता ने जब मसाबा को जन्म देने वाली थी तब उनके पास इतने पैसे नहीं कि वह वह ऑपरेशन करा सके। वहीं, मसाबा ने बताया, 'मां की ऑटोबायोग्राफी पढ़ उन्हें काफी कुछ सीखने को मिला। मैं हर दिन जमकर मेहनत करती हूं ताकि जो मैं डिजर्व करूं वो उनसे कोई छीन न पाए। ताकि मैं अपनी मां का मुझे दुनिया में लाने के लिए शुक्रिया अदा कर सकूं।'

नीना गुप्ता की ऑटोबायोग्राफी में लिखा है, कि मसाबा के जन्म के वक्त उनके बैंक एकाउंट में महज 3000 रूपये बचे थे। जिससे वे केवल नैचुरल डिलीवरी ही करवा सकता थीं। उन्हें डर था कि यदि डॉक्टर ने उन्हें सी सेक्शन सर्जरी के लिए बोला तो इसका खर्च उठाने के लिए उनके पास पर्याप्त पैसे नहीं थे।

ऑटोबायोग्राफी में आगे लिखा है, 'किस्मत से मेरी डिलीवरी से कुछ दिन पहले मुझे टैक्स रिम्बर्समेंट के 9000 मिल गए और आखिरकार मेरे बैंक अकाउंट में 12000 रुपये का बैलेंस हो गया। अच्छी बात है कि पैसा आ गया क्यंकि मेरे डॉक्टर ने मुझे बताया कि मेरी सी सेक्शन की डिलीवरी होगी।'

यह भी पढ़ें सलमान नहीं बल्कि ये शख्स है उनकी फिल्मों का असली हीरो

नीना गुप्ता की ऑटोबायोग्राफी 14 जून को लॉन्च हुई थी। उनकी ऑटोबायोग्राफी में नैशनल स्‍कूल ऑफ ड्रामा में उनके शुरुआती दिनों से लेकर मुंबई आने और 80 के दशक में फिल्‍मों में पहचान बनाने की पूरी कहानी है। इसके साथ ही नीना गुप्ता और विवियन रिचर्ड्स की कहानी और सिंगल मॉम के रूप में मसाबा की पर‍वरिश की कहानी भी किताब में पढ़ी जा सकती है। इसमें फिल्‍म इंडस्‍ट्री की पॉलिटिक्‍स, कास्‍ट‍िंग काउच जैसे मुद्दों पर भी बात है।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal Read Full Article
via Patrika Rss

Click to comment