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राजकपूर का जन्म 14 दिसम्बर 1924 को पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा पाकिस्तान में हुआ था। लगभग तीन चार दशक तक हिंदी सिनेमा में अपने कला से योगदान देने के बाद वर्ष 1988 के जून महीने की 2 तारीख को उनकी मौत हो गई।
उनकी दो बेटी और ऋषि कपूर, रणधीर कपूर और राजीव कपूर उनके बेटे थे। उनकी मृत्यु के बाद उनके बेटे राजीव कपूर उनके अतिंम संस्कार के लिए नहीं पहुंचे थे।
इससे जुड़ा एक किस्सा लेखिका मधु जैन ने अपनी किताब ‘द कपूर्स’ में बताते हुए लिखा है, ‘राजीव कपूर फिल्म में उनका किरदार कमजोर किए जाने के लिए अपने पिता और डायरेक्टर राज कपूर को जिम्मेदार मानते थे।
‘राम तेरी गंगा मैली’ के हिट होने से मंदाकिनी तो रातोंरात स्टार बन गईं लेकिन राजीव कपूर को इसका कोई फायदा नहीं हुआ। कहते हैं कि राज कपूर ने राजीव के लिए और कोई फिल्म बनाने से इनकार कर दिया। राजीव कपूर के चाहने के बावजूद राज कपूर ने ऐसा नहीं किया और राजीव को राज कपूर ने एक असिस्टेंट के तौर पर रखा। वो उनसे यूनिट का वह सारा काम कराते जो एक स्पॉटब्वॉय और असिस्टेंट करता था।
शायद यही वजह रही होगी जिससे राजीव कपूर अपने पिता राज कपूर से अलग थलग रहते थे। इसी कारण से वे अपने पिता के अतिंम संस्कार की क्रियाओँ में भी शामिल नहीं हुए थे।
बता दें कि, राजीव कपूर को पहचान फिल्म ‘राम तेरी गंगा मैली’ से मिली थी। इस फिल्म में उन्होंने मशहूर और ख़ूबसूरत अदाकारा मंदाकिनी के साथ काम किया था। इस फिल्म का निर्देशक राज कपूर ने किया था और फिल्म को काफी पसंद किया गया था।
आज भी इस फिल्म की मंदाकिनी के बोल्ड सीन की वजह से काफी चर्चा होती है। पिता के निर्देशन में बनी राजीव कपूर की यह फिल्म हिट रही थी, लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि राजीव कपूर के अपने पिता राज कपूर से इस फिल्म के रिश्ते बिगड़ गए थे और राज कपूर के निधन तक ऐसा ही चलता रहा।
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