राजस्थान गु्र्जर आरक्षण: रेलवे ट्रैक पर उतरे आंदोलनकारी, चार ट्रेनों का रूट बदला, 14 कैंसल

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राजस्थान में गुर्जरों के लिए पांच प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर गुर्जर एक बार फिर आंदोलन कर रहे हैं. गुर्जर राज्य में रेल रोको आंदोलन कर रहे हैं. 8 फरवरी से शुरू हुए इस आंदोलन में अगुवा नेता कर्नल किरोड़ी लाल बैंसला भी पटरी पर बैठ गए हैं. शनिवार को भी राज्य में जगह-जगह पर ट्रेनें रोकी गई हैं और रास्ता ब्लॉक किया गया है. इसके चलते चार ट्रेनों का रूट डायवर्ट करना पड़ा है और 14 ट्रेनें कैंसल करनी पड़ी हैं. #UPDATE: 4 trains diverted and 14 cancelled between Sawai Madhopur to Bayana section-Nimoda to Malarna block section in Kota Division of Western Central Railway due to the ongoing reservation movement by the members of Gujjar community in Rajasthan. — ANI (@ANI) February 9, 2019 न्यूज18 हिंदी की रिपोर्ट के अनुसार, कर्नल बैंसला के आह्वान के बाद भरतपुर, कोटा और सवाई माधोपुर के साथ कई अन्य जगहों पर भी ट्रेनें रोकी गई हैं. साथ ही गुर्जरों ने सवाई माधोपुर में अवध एक्सप्रेस और भरतपुर के बयाना में चंडीगढ़ कोच्चि ट्रेन रोक दी. गुर्जरों के लिए पांच प्रतिशत आरक्षण की मांग को फिर उठाते हुए शुक्रवार को गुर्जर समाज के पंचों के बीच हुई महापंचायत में रेल रोको आंदोलन की घोषणा की गई थी. कर्नल बैंसला ने कहा था कि जबतक गुर्जरों की मांग पूरी नहीं की जाती, तब तक ये समाज रेलवे की पटरियों पर बैठेगा. उधर, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुर्जर समाज से शांति बनाए रखने की अपील की है. सरकार ने तीन मंत्रियों की एक कमेटी का गठन भी कर दिया है. पिछले एक दशक से भी अधिक समय से राजस्थान गुर्जर आरक्षण आंदोलन की आग में झुलसता रहा है.  गुर्जर समाज सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए गुर्जर, रायका-रेबारी, गडिया लुहार, बंजारा और गडरिया समाज के लोगों को पांच प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहा है. वर्तमान में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के अतिरिक्त 50 प्रतिशत की कानूनी सीमा में गुर्जर को अति पिछड़ा श्रेणी के तहत एक प्रतिशत अलग से आरक्षण मिल रहा है.

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