संयुक्त राष्ट्र संघ के सुरक्षा परिषद में आतंकवाद के मुद्दे पर चीन ने दिया भारत का साथ

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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में गुरुवार को पुलवामा हमले की निंदा करते हुए एक रिजोल्यूशन पारित किया गया है. इस प्रस्ताव में चीन अपने पुराने रुख से हटते हुए इस मसले पर भारत का समर्थन किया है. प्रस्ताव में जैश-ए-मोहम्मद का भी जिक्र है. पुलवामा हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे और इसकी जिम्मेदारी पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी. भारत ने इसके पहले भी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर जैश-ए-मोहम्मद और उसके सरगना मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने का मुद्दा उठाया है. लेकिन चीन ने हर बार इसका विरोध किया. चीन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थाई सदस्यों में से एक है, इसलिए इसके पास वीटो का पावर है. पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान और उसके आतंकी नेटवर्क को दुनिया के सामने लाने में यह एक एक बड़ा कदम है. सुरक्षा परिषद ने इस घटना के अपराधियों, साजिशकर्ताओं और उन्हें धन मुहैया कराने वालों को इस निंदनीय कृत्य के लिए जिम्मेदार ठहराए जाने और न्याय के दायरे में लाने की जरूरत की बात कही है. यूएनएससी की ओर से जारी एक प्रेस रिलीज में कहा गया है,'सुरक्षा परिषद के सदस्य 14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर में जघन्य और कायराना तरीके से हुए आत्मघाती हमले की कड़ी निंदा करते हैं, जिसमें भारत के अर्धसैनिक बल के 40 जवान शहीद हो गए थे. पुलवामा हमले के बाद आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ रहा है. दुनिया के लगभग सभी शक्तिशाली देशों ने पुलवामा हमले को लेकर पाकिस्तान की आलोचना की है. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने गुरुवार को राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक ली. इस बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं. पाकिस्तानी वेबसाइट 'डॉन' के मुताबिक पाकिस्तान ने आतंकी संगठन जमात-उत-दावा पर बैन लगाया है. इसके साथ ही फलाह-ए-इंसानियत पर भी बैन लगाया गया है. ( एजेंसी इनपुट के साथ )

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