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भारतीय महिला क्रिकेट टीम के मुख्य कोच डब्ल्यू.वी. रमन का मानना है कि युवा क्रिकेटरों को अपने तकनीकी पहलू पर काम करने की जरूरत है जिससे वे मैच की स्थिति के मुताबिक रणनीति को मैदान पर उतार सकें. इंग्लैंड के खिलाफ शनिवार को टी20 श्रृंखला के तीसरे मैच में भारत को उस समय शर्मनाक स्थिति का सामना करना पड़ा जब टीम अंतिम ओवर में जीत के लिए जरूरी तीन रन नहीं बना सकी. इंग्लैंड ने श्रृंखला 3-0 से अपने नाम की. रमन से जब पूछा गया कि क्या टीम को ‘मेंटल कंडीशनिंग कोच’ की जरूरत है तो उन्होंने कहा, ‘सबसे पहले उन्हें अपने कौशल को सुधारने पर काम करना होगा. भारतीय कोच ने कहा, ‘एक बार जब कौशल के पहलू में सुधार आएगा तो सभी चीजों में सुधार आने लगेगा. आमतौर पर हर किसी को इस बात की जानकारी होती है कि क्या करना है, लेकिन अगर तकनीकी पहलू अच्छा नहीं होगा तो रणनीति को अंजाम नहीं दिया जा सकता है.’ जीत के लिए 120 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम 118 रन ही बना सकी। भारत को आखिरी ओवर में तीन रन की जरूरत थी और मिताली राज 32 गेंद में 30 रन बनाकर खेल रही थी लेकिन वह दूसरे छोर पर रह गई और केट क्रास के आखिरी ओवर में उन्हें एक भी गेंद खेलने का मौका नहीं मिला. भारती फुलमाली ने आखिरी ओवर की पहली तीन गेंद बेकार की और चौथी गेंद पर आउट हो गई. अगले गेंद पर अनुजा पाटिल भी स्टम्प आउट हो गई. अब भारत को एक गेंद में तीन रन चाहिए थे और शिखा पांडे एक ही रन बना सकीं. मिताली दूसरे छोर पर यह ड्रामा देखती रह गई. रमन ने मिताली के बल्लेबाजी क्रम के बारे में कहा, ‘हमने उनसे बात की थी कि वह किस स्थान पर सहज रहेंगी और टीम के लिए भी क्या फायदेमंद होगा. टीम में हरमनप्रीत नहीं है तो ऐसे में हमें मध्यक्रम में कोई अनुभवी बल्लेबाज चाहिए थी.’
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