राजस्थान: गुर्जर प्रदर्शनकारियों ने महिलाओं के साथ की बदतमीजी, फंसे हुए यात्रियों पर किया हमला

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सरकारी नौकरियों और शिक्षा में पांच प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर राजस्थान में गुर्जर समुदाय का आंदोलन रविवार को हिंसक हो गया. धौलपुर जिले में गोलियां चलने की आवाज सुनाई दी और पुलिस वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया. साथ ही प्रदर्शनकारियों ने राज्य के कई इलाकों में सड़क और रेल यातायात ठप कर दिया. राज्य प्रशासन ने एहतियात के तौर पर गुर्जर बहुल धौलपुर और करौली जिले में धारा 144 लगा दी है. गुर्जर समुदाय शुक्रवार से आंदोलन कर रहा है. धौलपुर के एसपी अजय सिंह ने फ़र्स्टपोस्ट को बताया कि प्रदर्शनकारियों ने न सिर्फ रविवार को हाईवे ब्लॉक किया बल्कि फंसे हुए यात्रियों पर हमला किया और महिलाओं के साथ भी बदतमीजी की. उन्होंने कहा कि जब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को चेतावनी दी तो प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थाव शुरू कर दिया, साथ ही पुलिस की तीन गाड़ियों को आग के हवाले भी कर दिया. इस घटना के कारण हाईवे की दोनों साइड्स पर 10 किलोमीटर लंबा जाम लग गया. फर्स्टपोस्ट से बातचीत में गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के प्रमुख किरोड़ी सिंह बैंसला ने कहा कि धौलपुर में प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने उकसाया था. बैंसला के बयान पर सहमति जताते हुए गुर्जर नेता और धौलपुर के सरपंच जोबीर पोशवाल ने कहा कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ना शुरू किया, जिसके चलते पत्थरबाजी हुई. उन्होंने प्रदर्शनकारियों द्वारा पुलिस पर फायरिंग करने के आरोप को खारिज किया है. अधिकारियों ने बताया बैंसला के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी रविवार को तीसरे दिन भी सवाई माधोपुर जिले में रेल पटरियों पर बैठे रहें. इसके चलते दिन में कम से कम 20 ट्रेनें रद्द कर दी गईं और सात अन्य के मार्ग में परिवर्तन कर दिया गया. उनका धरना शुक्रवार शाम शुरू हुआ था और क्षेत्र से होकर गुजरने वाली 250 से अधिक ट्रेनों का आवागमन इसके चलते प्रभावित हुआ है. प्रदर्शनकारियों ने रविवार को बड़े शहरों को जोड़ने वाले राजमार्गों की भी नाकेबंदी कर दी. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक यातायात अवरूद्ध करने के सिलसिले में तीन मामले दर्ज किए गए हैं. एसपी अजय सिंह ने बताया कि कुछ असामाजिक तत्वों ने आगरा-मुरैना राजमार्ग को अवरूद्ध कर दिया. उनके अनुसार कुछ हुड़दंगियों ने हवा में गोलियां चलाईं. इन लोगों ने पुलिस की एक बस सहित तीन वाहनों को आग के हवाले कर दिया कुछ जवानों को चोटें भी आई हैं. करौली की पुलिस अधीक्षक प्रीति चंद्रा ने कहा कि गुर्जरों की बड़ी आबादी को देखते हुए एहतियात के तौर पर जिले में निषेधाज्ञा लगाई गई है. धौलपुर के एडीएम राजेश वर्मा ने बताया कि एहतियान पूरे जिले में रविवार को धारा 144 लगाई गई है. इस बीच, सरकार और आंदोलनकारियों के बीच कोई नया संवाद नहीं हुआ है. हालांकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि गुर्जर नेताओं को आगे आकर बातचीत शुरू करनी चाहिए. लेकिन गुर्जर नेता इसके लिए तैयार नहीं दिख रहे हैं. मुख्यमंत्री ने जयपुर में कहा, 'बातचीत के लिए द्वार खुले हैं. मैं समझता हूं कि उन्हें (आंदोलनकारियों को) खुद आगे आकर बातचीत का सिलसिला शुरू करना चाहिए.' आंदोलनकारियों और सरकारी प्रतिनिधिमंडल में शनिवार को हुई बातचीत बेनतीजा रही थी. उसके बाद दोनों पक्षों में कोई संवाद नहीं हुआ है. गुर्जर नेता विजय बैंसला ने रविवार शाम कहा, 'आंदोलनकारी पटरी पर बैठे हैं और उनकी... आंदोलन पर डटे रहने की ही नीति है.' बैंसला ने कहा कि शनिवार की बातचीत के बाद सरकार की ओर से उन्हें कोई संदेश या संकेत नहीं दिया गया है. उन्होंने कहा, 'हमें सरकार के साथ कोई बात नहीं करनी है. हम आरक्षण की मांग कर रहे हैं उसे पूरा कर दिया जाए, हम अपने घर चले जाएंगे.' (भाषा इनपुट)

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