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प्रधान मंत्री इमरान खान ने कहा है कि पाकिस्तान में सिखों का मक्का और मदीना है और देश अल्पसंख्यक समुदाय के लिए उन साइटों को खोल रहा है. पिछले साल नवंबर में इमरान खान ने पाकिस्तान के करतारपुर में गुरुद्वारा दरबार साहिब से भारत के गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक मंदिर में भारतीय सिख तीर्थयात्रियों के वीजा मुक्त आवागमन की सुविधा के लिए गलियारे की आधारशिला रखी थी. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री एक दिवसीय यात्रा पर यूएई में थे. वहां वो UAE के उपराष्ट्रपति और प्रधान मंत्री शेख मोहम्मद बिन राशिद अल-मकतूम के निमंत्रण पर विश्व सरकार शिखर सम्मेलन के 7 वें संस्करण में भाग लेने के लिए गए थे. एनडीटीवी के मुताबिक खान ने रविवार को कहा, 'हमारे पास सिखों का मक्का और मदीना है. और हम सिर्फ सिखों के लिए उन साइटों को खोल रहे हैं.' मक्का और मदीना इस्लाम के दो सबसे पवित्र स्थल हैं. प्रधान मंत्री ने कहा, 'हमने अपना वीजा के लिए रास्ते खोल दिए हैं. पाकिस्तान में पहली बार, 70 देश हैं, जहां से लोग आकर हवाई अड्डे पर वीजा प्राप्त कर सकते हैं.' खान ने कहा कि पाकिस्तान में सबसे अच्छी पर्यटक क्षमता है, भले ही इस समय शायद ही कोई पर्यटन स्थल हमारे यहां हो. उन्होंने कहा, 'आधी दुनिया की सबसे ज्यादा ऊंची चोटियां पाकिस्तान में हैं.' उन्होंने कहा कि देश में 1,000 किलोमीटर लंबी तटरेखा है. खान ने यह भी कहा कि पाकिस्तान में सबसे पुराने ऐतिहासिक स्मारक हैं, शायद दुनिया में किसी भी जगह जितने पुराने. 'हमारे पास सिंधु घाटी सभ्यता है, जो 5,000 साल पुरानी है. हमारे पास 2500 साल पुराना पेशावर शहर है. लाहौर और मुल्तान प्राचीन शहर हैं. उन्होंने यह भी कहा कि 'हमारे पास गांधार सभ्यता है, जो इस्लामाबाद के उत्तर में, बौद्ध सभ्यता का उद्गम स्थल था. सबसे बड़ा स्लीपिंग बुद्धा, 40 फीट, हरिपुर में है. हमारे पास पूरे पाकिस्तान में सबसे बड़ी और उच्चतम संख्या में सूफी मंदिर हैं.' खान ने कहा कि वे देश को पर्यटन के लिए खोल रहे हैं. करतारपुर साहिब सिखों के लिए प्रमुख तीर्थस्थल: पाकिस्तान में करतारपुर साहिब डेरा बाबा नानक मंदिर से लगभग चार किलोमीटर दूर रावी नदी के पार स्थित है. यह 1522 में सिख गुरु द्वारा स्थापित किया गया था. पहला गुरुद्वारा, गुरुद्वारा करतारपुर साहिब, यहाँ बनाया गया था. कहा जाता है कि गुरु नानक की मृत्यु इसी जगह हुई थी. करतारपुर में गुरुद्वारा दरबार साहिब में भारतीय सिख तीर्थ यात्रियों की वीजा-मुक्त यात्रा की सुविधा प्रदान करने वाला करतारपुर कॉरिडोर जल्द ही पूरा होने की उम्मीद है. गुरु नानक की जयंती मनाने के लिए हर साल भारत से हजारों सिख श्रद्धालु पाकिस्तान आते हैं. भारत ने करीब 20 साल पहले पाकिस्तान को कॉरिडोर का प्रस्ताव दिया था.
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