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जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए सेना पर सबसे बड़े आतंकी हमले में गुरुवार को 40 जवान शहीद हुए हैं. जैश-ए-मुहम्मद की ओर से अंजाम दिए गए इस हमले में एक आत्मघाती हमलावर ने सीआरपीएफ के एक काफिले में विस्फोटक से भरी गाड़ी भिड़ा दी, जिसमें एक बस में सवार 40 जवान शहीद हो गए. न्यूज18 हिंदी के मुताबिक, इस बस में सीआरपीएफ के 44 जवान सवार थे. यह बस सीआरपीएफ की 76वीं बटालियन की थी. इसमें ज्यादातर जवान हेड कॉन्स्टेबल और ट्रेड्समैन रैंक के थे. बस में सवार जवानों की एक लिस्ट सामने आई है, जिसमें बस का नंबर और जवानों के नाम उनके बटालियन नंबर के साथ दर्ज हैं. बस का नंबर HR 49 F 0637 था. ये जवान सीआरपीएफ की 76वीं, 45वीं, तीसरी, 176वीं, 115वीं, 92वीं, 82वीं, 75वीं, 61वीं, 35वीं, 21वीं, 98वीं, और 118वीं बटालियन के थे. जिस बस को निशाना बनाया गया वह 55 सीटर थी और इसमें 44 जवान सवार थे. ये जवान छुट्टी से लौट रहे थे और ड्यूटी पर जा रहे थे. इस काफिले को एक सप्ताह पहले ही ड्यूटी पर तैनात किया जाना था, लेकिन किसी वजह से इनकी तैनाती में देरी हुई थी. हमले के बाद रिपोर्ट्स आई थीं कि सीआरपीएफ के एक काफिले में 70 से ज्यादा गाड़ियां शामिल थीं, जिनमें 2500 से ज्यादा जवान सवार थे. बता दें कि गुरुवार को पुलवामा में जैश-ए-मुहम्मद के एक आत्मघाती हमलावर ने अवतिंपोरा में नेशनल हाईवे से गुजर रहे सीआरपीएफ के काफिले में शामिल एक ट्रक से विस्फोटक से भरी एक गाड़ी टकरा दी, जिससे बहुत बड़ा धमाका हुआ और इसमें 40 जवान शहीद हो गए. रिपोर्ट के मुताबिक, हमले के बाद सेना ने जम्मू-श्रीनगर हाइवे पर ट्रैफिक रोक दिया और सर्च ऑपरेशन चलाया. वहीं, अवंतिपोरा, पुलवामा, शोपियां, कुलगाम और श्रीनगर जिलों में हाई अलर्ट जारी किया गया. शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कैबिनेट की सुरक्षा मामलों की समिति की अहम मीटिंग ले रहे हैं. इस मीटिंग में जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा स्थिति पर चर्चा की जानी है. इसमें विदेश मंत्री, गृहमंत्री, रक्षा मंत्री, वित्त मंत्री और सेना प्रमुख हिस्सा लेने वाले हैं.
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