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विक्की कौशल ने आदित्य धर के साथ फिल्म 'उरी : द सर्जिकल स्ट्राइक' से साल 2019 की धमाकेदार शुरुआत की है। इस फिल्म के ब्लॉकबस्टर होने के बाद बॉलीवुड हर का डायरेक्टर उनके साथ काम करना चाहता है। अब 'उरी' एक्टर को लेकर एक और बड़ा अनाउंसमेंट किया गया है। शूजित सरकार ने अपने आगामी फिल्म के लिए विक्की को साइन किया है। जो रेवोल्यूनरी फ्रीडम फाइटर सरदार उधम सिंह की बायोपिक होगी। बता दें कि पहले इस फिल्म के लिए अभिनेता इरफान खान के नाम पर चर्चा हुई थी। यह कैंसर के इलाज के बाद उनकी कमबैक फिल्म होने वाली थी। लेकिन अब विक्की को इस बायोपिक के लिए फाइनल किया गया है।
शूजित ने विक्की को कास्ट किया
विक्की को कास्ट करने को लेकर निर्देशक का कहना है, अगर आप विक्की के ट्रैक रिकॉर्ड को देखेंगे तो उनकी फिल्मों को लेकर चॉइसेस अच्छी रही है। मैं एक ऐसा ही एक्टर चाहता था, जो फिल्म के लिए अपना दिल और आत्मा दे दे। साथ वह पंजाबी है और फिल्म भी पंजाबी फ्रीडम फाइटर पर आधारित है।

उधम सिंह का किरदार निभाना सपने जैसा
विक्की का कहना है, 'उधम सिंह का किरदार निभाना किसी सपने के सच होने जैसा है। साथ ही मैं शूजित सरकार के साथ काम करने जा रहा हूं जिनका मैं हमेशा से बड़ा प्रशंसक रहा हूं। यह मेरे लिए बड़े सम्मान की बात है कि आखिरकार शूजीत मुझे निर्देशित करने जा रहे हैं।
नई शुरुआत को लेकर हैं एक्साइटेड
'उरी' एक्टर विक्की ने कहा, 'जब मैंने इंडस्ट्री में काम की शुरुआत की थी तो मैंने कुछ डायरेक्टर्स के साथ काम करने के लिए एक लिस्ट बनाई थी। उस लिस्ट में शूजीत सरकार टॉप पर थे। तो अब मेरा सपना सच होने जा रहा है क्योंकि आखिरकार अब वो मुझे डायरेक्ट करने जा रहे हैं और उससे भी मजेदार यह है कि यह स्टोरी उधम सिंह पर बेस्ड है। एक पंजाबी होने के नाते उनकी स्टोरी सुनते-सुनते ही मैं बड़ा हुआ हूं। वह हमेशा एक रहस्यमय कैरेक्टर के रूप में सामने आया है। कैरेक्टर जितना रहस्यमय होता है वो अभिनेता और निर्देशक के लिए उतना ही एक्साइटेड होता है। मैं अभी से उधम सिंह बनने की तैयारी में लग गया हूं और शूजीत सर के विजन पर खरा उतरने का प्रयास करूंगा। मैं सोचता हूं कि उधम सिंह की जीवनी को लेकर सभी नहीं जानते ऐसे में इस यात्रा को शुरू करने के लिए उत्साहित हूं।

कौन थे शहीद उधम सिंह
26 दिसंबर, 1899 को पंजाब के संगरूर जिले के सुनाम गांव में जन्मे उधम सिंह ने जलियावाला बाग में हुए नरसंहार का बदला लेने की प्रतिज्ञा की थी। 1924 में उधम गदर पार्टी से जुड़े और विदेश गए। 1927 में भारत लौटकर गिरफ्तार हुए और पांच साल की सजा हुई। 1931 में जेल से रिहा होने के बाद 1934 में लंदन जा पहुंचे। 30 मार्च, 1940 को जलियावाला बाग के आरोपी डायर की हत्या की। ऐसी धारणा है कि उधम सिंह ने जनरल डायर को मारकर जलियावाला बाग हत्याकांड का बदला लिया था लेकिन भारत के इस सपूत ने डायर को नहीं बल्कि माइकल ओडवायर को मारा था, जो अमृतसर में बैसाखी के दिन हुए नरसंहार के समय पंजाब प्रांत का गवर्नर था। ओडवायर के आदेश पर ही जनरल डायर ने जलियावाला बाग में सभा कर रहे निर्दोष लोगों पर अंधाधुन गोलियां बरसाई थीं। उधम सिंह इस घटना के लिए ओडवायर को जिम्मेदार मानते थे।
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