लता मंगेशकर को किस वजह से होना पड़ा था रिजेक्ट, जानिए उनके बारे में कुछ अनसुने तथ्य

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नई दिल्ली: मशहूर गायिका लता मंगेशकर हिंदी सिनेमा में काफी बड़ा नाम है। उन्होंने अपने पूरे करियर में कई भाषाओं में गाने गाए हैं, लेकिन उन्हें हिंदी गायिका के तौर जाना जाता है। भारत रत्न लता मंगेशकर ने 30 हजार से भी ज्यादा गानों में अपनी आवाज दी है। लता मंगेशकर ने करीब 7 दशकों तक हिंदी गानों की दुनिया पर राज किया है। साधारण भाषा में कहें तो लता मंगेशकर के गीतों का दौर कभी खत्म ही नहीं हुआ। आज भी उनके गाने को काफी पसंद किया जाता है ।

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लेकिन आज हम बताएंगे लता जी की जिंदगी से जुड़ी कुछ ऐसी बातें जिनके बारें आपको शायद ही पता हो।

 लता मंगेशकर ने निर्माता के तौर पर 4 फिल्में भी बनाई हैं।

1940 के दशक में जब लता मंगेशकर करियर के लिए स्ट्रगल कर रही थीं, तब एक म्यूजिक डायरेक्टर ने उनकी आवाज को रिजेक्ट कर दिया था क्योंकि उनकी आवाज बहुत पतली थी।

लता ने अपना म्यूजिक लेबल 'एलएम म्यूजिक' भी लॉन्च किया, जिसके तहत भक्ति गाने बनाए जाते थे।

आरडी बर्मन चाहते थे कि दम मारो दम गाना लता गाएं, लेकिन लता मंगेशकर के कहने पर यह गाना आशा भोसले की आवाज में रिकॉर्ड किया गया।

कहा जाता है कि सत्यम शिवम सुंदरम की कहानी लता मंगेशकर की जिंदगी से प्रेरित है।

2007 में फ्रांस सरकार ने अपने सबसे बड़े सिविलियन अवॉर्ड ऑफिसर ऑफ द लिजियन ऑफ ऑनर से लता मंगेशकर को सम्मानित किया।

क्या आपको पता है कि लता मंगेशकर केवल एक दिन स्कूल गई हैं।



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