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बॉलीवुड अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ( Naseeruddin Shah ) ने लिंचिंग ( Mob Lynching ) की घटना से परेशान होने की बात कही। साथ ही पिछले साल दिए बयान कि "लिंचिंग में कई जगहों पर किसी पुलिसकर्मी की मौत के बजाय गाय की मौत को अधिक अहमियत दी जा रही है" पर भी वह कायम हैं। शाह ने कहा वह ‘खुलेआम हिंसा’ के पक्ष में नहीं हैं।
‘इंडिया फिल्म प्रोजेक्ट’ में नसीरुद्दीन शाह के साथ बातचीत में अभिनेता आनंद तिवारी ने उनसे पूछा था कि क्या राजनीतिक एवं सामाजिक मुद्दों पर उनके विचारों का फिल्मी दुनिया में उनके संबंधों पर असर पड़ा है?
इस सवाल पर नसीरुद्दीन का जबाव था, इंडस्ट्री और उससे जुड़े लोगों से किसी मामले में कभी भी उनके रिश्ते करीबी नहीं रहे हैं। वैसे भी मुझे इंडस्ट्री में कम ही काम मिलता है। लेकिन इसके बावजूद मैं अपने विचारों पर कायम हूं।"
नसीरुद्दीन ने यह बात भी कही, "जिन लोगों के पास कुछ बेहतर करने के लिए नहीं था, उन लोगों की गालियां भी मैंने सुनी है। इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ा। बस इन सब मैं परेशान करने वाली बात यह थी कि ये खुली नफरत है"
नसीरुद्दीन ने यह बातचीत मुंबई में आयोजित हुए 9th एडिशन ऑफ इंडियन फिल्म प्रोजेक्ट के दौरान एक्टर-डायरेक्टर आनंद तिवारी से की।
बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ फिल्म मेकर, लेखकों और थियेटर कलाकारों की ओर से लिखे पत्र के मामले में 49 लोगों पर राजद्रोह का केस दर्ज हुआ था। नसीरुद्दीन शाह इस मामले में निंदा को लेकर भी सुर्खियों में हैं।
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