लेटेस्ट खबरें हिंदी में, अजब - गजब, टेक्नोलॉजी, जरा हटके, वायरल खबर, गैजेट न्यूज़ आदि सब हिंदी में
मशहूर स्टार इमरान हाशमी ( Emraan Hashmi ) ने साल 2003 में 'फुटपाथ' ( footpath ) से फिल्मों में डेब्यू किया। एक्टर ने बीते कुछ सालों में कई फिल्में की, लेकिन उन्हें असली पहचान 'द डर्टी पिक्चर' ( the dirty picture ) ,'वन्स अपॉन ए टाईम इन मुम्बई' ( once upon a time in mumbai ) ,'शंघाई' ( Shanghai ) और 'वाय चीट इंडिया' ( why cheat india ) से मिली। अब एक्टर जल्द ही शाहरुख की रेड चिलीज के प्रोडक्शन तले बनी वेबसीरीज 'बार्ड ऑफ ब्लड' ( bard of blood ) में नजर आएंगे। इस शॅार्ट फिल्म में इमरान एक रिटायर्ड जासूस का किरदार अदा करेंगे। इस किरदार और अपने फिल्मी सफर को लेकर हाल में एक्टर ने कई बातें शेयर की।
[MORE_ADVERTISE1]
[MORE_ADVERTISE2]
वेब सीरीज में काम करना बेहद मुश्किल
फिल्म और वेबसीरीज दोनों में शूट के दौरान के अनुभव को साझा करते हुए इमरान ने बताया, 'हमने 'बार्ड ऑफ ब्लड' के लिए 7 एपिसोड्स शूट किए। हर एक एपिसोड45 मिनट का है। यह फिल्म से दुगना लंबा है। फिल्म और वेबसीरीज को शूट करने के रूल्स सब एक जैसे हैं, लेकिन वेब सीरीज के लिए आपको ज्यादा काम करना पड़ता है।'
हर किरदार का अपना स्टाइल होता है
एक जासूस की भूमिका निभाना कितना मुश्किल रहा। इस सवाल पर इमरान ने बताया, 'मुझे लगता है आपको इस किरदार के लिए उसकी सोच को समझना जरूरी है। वह एक जासूस बन अपनी जिंदगी में कितने डर का सामना करता है। इस दौरान आपकी बॅाडी लैंग्वेज पर भी ध्यान देना जरूरी है। आपको स्क्रिप्ट में लिखे किरदार को जिंदा करने के लिए उसमें जान डालनी पड़ती है। उसका अपना एक स्टाइल क्रिएट करना पड़ता है ताकि दर्शकों को वह पसंद आए।'
[MORE_ADVERTISE3]
सिनेमा वक्त के साथ बेहतर हुआ है
अपने कॅरियर में आए बदलाव पर एक्टर बोले, 'आज का सिनेमा नई और कुछ हटकर आई कहानियों पर ध्यान दे रहा है। आजकल एक्टर्स को नए- नए किरदारों पर एक्सपेरिमेंट करने का मौका मिलता है जो काफी अच्छा है। एक डिजिटल प्लेटफॅार्म के आने से आपके रास्ते और खुल गए हैं।'
पिछली फिल्मों से बहुत कुछ सीखा
अपने पिछली फिल्मों के बारे में इमरान ने कहा, 'मैं जब अपने पिछली फिल्मों और काम को देखता हूं तो बहुत गर्व महसूस होता है। कहीं न कहीं मैंने अपने पिछले काम की वजह से ही यह पहचान बनाई है। कई फिल्में ऐसी होती हैं जिसे करने के बाद आप महसूस करते हैं कि यह आपके लिए बनी ही नहीं थी या यह फिल्म ऐसी नहीं बननी चाहिए थी जैसी बनी। लेकिन यह सबकुछ हमें कुछ सिखाकर जाता है। अगर हम गलतियां नहीं करेंगे तो सीखेंगे कैसे। अपने आपको सुधारने के लिए रिस्क लेना बहुत जरूरी है।'
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal Read Full Article
via Patrika Rss