कोरोना महामारी के बीच शूटिंग को लेकर हिचकिचाहट पर डर नहीं : राम कपूर

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अभिनेता राम कपूर (Actor Ram Kapoor) कोविड-19 महामारी (Kovid-19 epidemic) के समय में शूटिंग के लिए स्टूडियो लौटने को लेकर डरे हुए नहीं हैं, लेकिन वह स्वीकार करते हैं कि वह थोड़ा संकोच महसूस कर रहे हैं। राम कपूर नई वेब सीरीज 'अभय 2' (new web series 'Abhay 2') में अपने हिस्से की बाकी शूटिंग करने के लिए काम पर वापस जाएंगे। वह दूसरे सीजन में एक महत्वपूर्ण भूमिका में हैं।

Ram Kapoor

राम कपूर ने एक इंटरव्यू में बताया, मैं आम तौर पर एक भयभीत किस्म का शख्स नहीं हूं, लेकिन यह भी सच है कि पिछले कुछ महीनों में, महामारी के कारण हमने जो देखा है, वह पूरी तरह से एक बहुत अलग स्थिति है। इसलिए, अब जब शूटिंग शुरू हो गई है, हम शूटिंग करेंगे। हम अगले 10 दिनों तक शूटिंग करेंगे। हम जररूत पड़ने पर ही मास्क हटा रहे हैं। हम अधिक से अधिक सफाई रख रहे हैं, दूरी बनाए रख रहे हैं और हर नियम का पालन कर रहे हैं। वह कहते हैं, एक अभिनेता होने के नाते, डर या संकोच के लिए बहुत कम जगह है। 'अभय 2' एक क्राइम थ्रिलर है जिसमें कुणाल खेमू ने बतौर मुख्य कलाकार अभय प्रताप सिंह की भूमिका निभाई है।

Ram Kapoor


लॉकडाउन ने कैसे बदले स्वतंत्रता के मायने

इस साल स्वतंत्रता दिवस का जश्न 1947 के बाद से अब तक के समय में सबसे अलग रहा। पहली बार लोग राष्ट्रध्वज फहराने और साथ में राष्ट्रगान गाने के लिए भीड़ में नहीं जुटे। कोविड-19 के कारण सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मना यह पर्व इस बार काफी व्यक्तिगत रहा। बॉलीवुड सेलिब्रिटीज ने भी इस बात को ध्यान में रखा। लॉकडाउन के इस समय में स्वतंत्रता का क्या मतलब है? इस पर कुछ टेलीविजन कलाकारों ने अपने विचार साझा किए। तुषार कपूर ने कहा, महामारी के कारण लगाए गए लॉकडाउन ने स्वतंत्रता के अर्थ को पुनर्परिभाषित किया है। मेरे लिए स्वतंत्रता का नया अर्थ नई परिस्थितियों के साथ तालमेल बिठाना और मुक्त महसूस करना है। साथ ही उत्पादक और सकारात्मक होना है। अपने परिवार के साथ जीवन का आनंद लेना और महामारी को रोकने के लिए स्वच्छता और सुरक्षा को तवज्जो देना है। इससे न केवल हमें व्यक्तिगत रूप से बल्कि सामूहिक रूप से भी मदद मिलेगी।

अभिनेत्री दिव्यंका त्रिपाठी ने कहा, स्वतंत्रता की परिभाषा इस साल निश्चित रूप से बदल गई है। हम सभी अपने घरों तक सीमित हैं। सुरक्षा के लिए पूरी सावधानी बरत रहे हैं। अब हमारे पास पहले की तरह बेपरवाह होकर यात्रा करने, अपनी इच्छा अनुसार काम करने की स्वतंत्रता नहीं है। वहीं दूसरी ओर इसने हमें सकारात्मक रूप से बदल भी दिया है। ज्यादातर भारतीय पहले घर के कामों के लिए दूसरों पर निर्भर थे। अब हम सीख रहे हैं कि अपने कैरियर और घर के कामों के बीच कैसे प्रबंधन करें।



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