शुगर लेवल करना है कंट्रोल तो नियमित करें यह योग प्राणायाम.....

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व्यक्ति के शरीर में शुगर दिमाक की तरह काम करती है। एक बार जिसको शुगर हो जाती है वह व्यक्ति ध्यान नहीं दे, तो वह व्यक्ति के शरीर को दिन-ब-दिन खोखला करती जाती है। क्योंकि शुगर से एक दो नहीं कई बीमारियां जन्म लेती है। शुगर से हार्ट पर तो असर होता ही है, साथ ही अन्य बीमारियां भी घर कर जाती है। इसलिए जरूरी है कि शुगर लेवल अत्यधिक कम या ज्यादा हो तो उसे नियंत्रण करना चाहिए। कुछ योगाभ्यास करके भी शुगर को नियंत्रित किया जा सकता है।

वैसे तो शुगर लेवल गड़बड़ा जाता है, तो व्यक्ति को अच्छे चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। लेकिन इसी के साथ में योग और प्राणायाम का अभ्यास करके भी ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित कर सकते हैं। आज हम आपको कुछ ऐसे योग प्राणायाम बताएंगे। जिससे शुगर लेवल कंट्रोल होने के साथ ही शरीर भी स्वस्थ रहता है।

बालासन-

बालासन से व्यक्ति की स्पाइन, जंघा और घुटनों की स्ट्रैचिंग होती है। इससे व्यक्ति के मानसिक तनाव में भी कमी आती है और थकान से राहत मिलती है। बैक पेन में भी यह आसन राहत देता है। कहा जाता है कि यह डायबिटीज को जड़ से समाप्त कर सकता है।

सेतुबंधासन-

सेतुबंध आसन के कई फायदे हैं। इससे गर्दन और रीढ़ की स्ट्रैचिंग के साथ-साथ शरीर को काफी आराम मिलता है। डायबिटीज के रोगियों के लिए यह आसन काफी लाभकारी रहता है। इससे ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल होता है और मन भी शांत रहता है।

प्राणायाम-

प्राणायाम से पूरे शरीर के नर्वस सिस्टम को काफी आराम मिलता है। दिमाग शांत होता है और शुगर लेवल भी कंट्रोल होता है। प्राणायाम में गहरी सांस लेने और छोड़ने से रक्त संचार बराबर रहता है। इसलिए प्राणायाम को दैनिक जीवन में शामिल करना चाहिए और सुबह पद्मासन मुद्रा में बैठकर प्राणायाम करना चाहिए।

वज्रासन

वज्रासन से व्यक्ति का पाचन तंत्र काफी बेहतर रहता है। इससे स्पाइन की हड्डियों और शरीर के निचले हिस्से की भी मसाज हो जाती है। डायबिटीज के मरीजों को यह आसन करना चाहिए।

सर्वांगासन

सर्वांगासन थायराइड ग्रंथि का कार्य दुरुस्त करता है। इस आसन से थायराइड की ग्रंथियां पूरी बॉडी की एक्टिविटीज को बराबर रखती है। इस आसन के माध्यम से शुगर नियंत्रित होने के साथ ही पाचन तंत्र, नर्वस सिस्टम, ब्रीदिंग सिस्टम बेहतर रहता है।

हलासन

जिन लोगों को बैठने का काम अधिक रहता है। उनके लिए हलासन काफी उपयोगी साबित होता है। इससे शुगर लेवल कंट्रोल होता है। यह आसन गले की ग्रंथि, फेंफड़े और अन्य अंगों को भी दुरुस्त करता है और रक्त संचार भी बेहतर होता।

चक्रासन

कहा जाता है कि चक्रासन से डायबिटीज हमेशा के लिए खत्म हो जाती है। इस आसन को नियमित करने से रीढ़ की स्ट्रैचिंग और पीठ के टिशूज को भी रिलैक्स मिलता है और नियमित आसन को करने से दिमाग को भी शांति मिलती है।

धनुरासन

धनुरासन से पीठ और रीढ़ की बेहतर एक्सरसाइज होती है। इसे प्रतिदिन करने से व्यक्ति को कब्ज से राहत मिलती है और मन शांत रहता है। धनुरासन से जिन्हें पुरानी डायबिटीज है या लंबे समय से डायबिटीज के शिकार हैं उन्हें भी काफी राहत मिलती है।

पश्चिमोत्तासन

इस आसन से ब्लड प्रेशर और डायबिटीज दोनों में काफी राहत मिलती है। इस आसन से रक्त संचार बेहतर होने के कारण पेट संबंधी बीमारियां भी खत्म हो जाती है। इसलिए इस आसन को प्रतिदिन करना चाहिए।

अर्ध मत्स्येंद्रासन

इस आसन से डायबिटीज में तो राहत मिलती है और फेफड़ों के साथ ही ऑक्सीजन लेने में भी व्यक्ति को काफी आसानी होती है। इस आसन से पेट दर्द संबंधी रोग भी दूर होते हैं।

आपको बता दें कि वैसे तो योग-प्राणायाम कई रोगों से निजात दिलाते हैं। लेकिन किसी भी प्रकार के योग प्राणायाम को करने से पहले प्रशिक्षित योग गुरु से योग प्राणायाम सीखना चाहिए। ताकि उसका सकारात्मक लाभ मिले और किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आए।



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