शारदा चिटफंड केस: SC ने जांच की निगरानी से किया इनकार, राजीव कुमार से पूछताछ जारी

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शारदा चिटफंड मामले में जांच की निगरानी करने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि उसे नहीं लगता कि इस घोटाले की जांच में उनकी निगरानी की कोई जरूरत है. दरअसल इस मामले में निवेशनकों ने कोर्ट से अपील की थी कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में इस पूरे घोटाले की जांच की जाए. लेकिन सोमवार को इस मामले पर फैसला सुनाते हुए कोर्ट निगरानी रखने से इनकार कर दिया. Supreme Court refuses to entertain a plea filed by the investors seeking Court monitored probe into Saradha chit-fund scam. pic.twitter.com/ntg8jfOtA2 — ANI (@ANI) February 11, 2019 वहीं दूसरी तरफ कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से सीबीआई की पूछताछ सोमवार को भी जारी है. ये पूछताछ का लगातार तीसरा दिन है. राजीव कुमार पूछताछ के लिए सोमवार सुबह शिलॉन्ग स्थित सीबीआई के ऑफिस पहुंचे थे. Meghalaya: Kolkata Police Commissioner Rajeev Kumar arrives at CBI office in Shillong for questioning in connection with Saradha chit fund scam. This is the third day of his questioning by CBI. pic.twitter.com/g2Ey8XP5gs — ANI (@ANI) February 11, 2019 इससे पहले रविवार को भी सीबीआई ने राजीव कुमार से पूछताछ की थी जो सुबह 10 बजे से लेकर देर शाम तक चली. राजीव कुमार से पूछताछ सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद की जा रही है. इससे पहले शनिवार को भी राजीव कुमार से पूछताछ की गई थी जो करीब 9 घंटे तक चली थी. क्यों की जा रही है राजीव कुमार से पूछताछ दरअसल 2013 में रोजवैली और शारदा चिटफंड मामले की जांच के लिए पश्चिम बंगाल सरकार ने राजीव कुमार के नेतृत्व में SIT का गठन किया था. सीबीआई का दावा है कि उस दौरान SIT की तरफ से जुटाए गए सबूतों में एक लैपटॉप, पांच मोबाइल फोन और शारदा समूह के प्रमुख सुदिप्तो सेन की लाल डायरी सहित कुछ अहम दस्तावेज शामिल थे. सीबीआई का दावा है जांच के दौरान कुछ अहम सबूतों को गायब कर दिया गया था. इसी सिलसिले में वो राजीव कुमार से पूछताछ कर रही है. इसी के साथ सीबीआई के सूत्रों ने बताया कि जांच एजेंसी को सीसीटीवी फुटेज की तलाश है, जिससे इस घोटाले में शामिल प्रभावशाली लोगों का पता चल सके. क्या है शारदा चिटफंड घोटाला शारदा चिटफंड स्कैम पश्चिम बंगाल का एक बड़ा आर्थिक घोटाला है. जिससे कई बड़े नेताओं के नाम जुड़े हैं. दरअसल, इस कंपनी पर आरोप है कि पैसे ठगने के लिए लोगों से लुभावने वादे किए थे और रकम को 34 गुना करके वापस करने के लिए कहा था. इस घोटाले में करीब 40 हजार करोड़ की हेर-फेर हुई थी. साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को आदेश दिए थे कि इस मामले की जांच करे. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल, ओडिशा और असम पुलिस जांच में सहयोग करने का आदेश दिया था. शारदा ग्रुप ने महज 4 सालों में पश्चिम बंगाल के अलावा झारखंड, उड़ीसा और नॉर्थ ईस्ट राज्यों में अपने 300 ऑफिस खोल लिए. पश्चिम बंगाल की इस चिटफंड कंपनी ने 20,000 करोड़ रुपये लेकर दफ्तरों पर ताला लगा दिया था. पी चिदंबरम की पत्नी नलिनी का भी नाम शामिल इस मामले में पी चिदंबरम की पत्नी नलिनी के खिलाफ भी आरोप पत्र दाखिल किया गया था. उन पर आरोप है कि उन्होंने शारदा ग्रुप के प्रमुख सुदीप्तो सेन के साथ मिलकर साल 2010 से 2012 के बीच 1.4 करोड़ रुपए लिए थे.

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